Thursday 10 November 2011


मोबाइल से हो सकता है ब्रेन ट्यूमर
लंदन, एजेंसी : मोबाइल फोन पर घंटों बात करने वाले सावधान हो जाएं। ब्रिटिश वैज्ञानिकों का दावा है कि यह सेहत के लिए नुकसानदेय हो सकता है। इससे ब्रेन ट्यूमर भी हो सकता है। डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक मोबाइल फोन इस्तेमाल करने वालों को एक अलग प्रकार का ट्यूमर हो सकता है। इस ट्यूमर को ग्लाइओमा कहते हैं। यह अध्ययन दो सौ से अधिक लोगों पर किया गया। इससे पहले 2008 में स्वीडन में हुए अध्ययन में कहा गया था कि, जो बच्चे मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते हैं उनमें ट्यूमर का खतरा पांच गुना ज्यादा होता है। शोधकर्ताओं के मुताबिक मोबाइल के इस्तेमाल का असर व्यक्ति की यौन क्षमता, गर्भावस्था के दौरान इसका उपयोग करने वाली महिलाओं के बच्चों के व्यवहार और मस्तिष्क की कोशिकाओं पर पड़ता है। चैरिंग क्रॉस हॉस्पिटल के न्यूरोसर्जन और प्रमुख शोधकर्ता केविन ओ नेल ने कहा है कि ब्रेन ट्यूमर विकसित होने में काफी समय लगता है। इसलिए इसके दुष्परिणाम तुरंत सामने नहीं आते। अध्ययन में नेल के सहयोगी और ब्रिस्टल विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डेनिस हेनशा ने तो यहां तक कहा है कि सिगरेट के पैकेटों की तरह अब मोबाइल फोन के डिब्बों पर भी नुकसान की चेतावनी दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि दुनियाभर में लोग मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर रहे हैं। भविष्य में उन्हें ब्रेन ट्यूमर और प्रजनन समेत कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। यह एक बहुत गंभीर मसला है। इससे पहले जून में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी मोबाइल फोन का अत्यधिक इस्तेमाल करने वालों को कैंसर के खतरे से सावधान किया था। लोगों को हैंड फ्री इस्तेमाल करने की सलाह दी गई थी। लोगों से कहा गया था कि वे मोबाइल के ज्यादा इस्तेमाल से बचें। इसके अलावा घंटों तक बात करने की जगह बेहतर है वे थोड़ी थोड़ी देर के बाद कॉल करें। एक साथ बात करने से वे ज्यादा परेशानी में फंस सकते हैं।

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